✍️प्यार✍️ (14 )
✍️प्यार✍️ (14 )
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एक खम्भा है,
जिसे झुकाने पर,
झुकता नहीं,
जिसे हिलाने पर,
हिलाता नहीं,
जिसे उखाड़ने पर,
उखड़ता नहीं,
जिसे मोड़ने पर,
मुड़ता नहीं,
जिसे तोड़ने पर,
टूटता नहीं,
क्योंकि - -,
यह एक विश्वास है,
जो टूटने पर,
जुड़ता नहीं--!!
