पायल
पायल
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नारी की सौम्यता लगती सहज तभी
सोलह श्रृंगार करके मोहक छवि सजीली"
प्राण प्रिय, मेरी सुहासिनी
कोमल, सुप्रिय
पायल की छन -छन से दिल को लुभाती हो
बिंदिया की चमक से मकान को शांति भवन
बनाती हो।
पायल की छनकार घर में होने से
मोहक शालीनता छलकती है।
संस्कारों में सिमटी गृहलक्ष्मी ।
मेरी प्राण प्रिय, अर्द्धांगिनी हो।
अन्नपूर्णा, शारदा सर्वगुण संस्कारी हो।
सिर ढक कर शर्माती जब पायल छनकाती हो।
मेरे घर आँगन को स्वर्ग समान बनाती हो
