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Uma Singh

Others

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Uma Singh

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नया रिश्ता

नया रिश्ता

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सपनों को बुनकर 

मन को सुमन कर 

बसना है उस देश

जो था कभी परदेस

नई राहें नई मंजिल

होगी तलाश भी नई 

नया रिश्ता जुड़ता दिलों से 

अब नई पहचान भी होगी

खुशियां भी होंगे, आंसू भी होंगे 

सजेगा चमन में फूलों का गुलशन 

नई उमंगें साथ भी होंगी 

अब तन्हाइयों की रात ना होगी 

बस मेरे सनम के साथ ही होगी


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