मुझे नफरत है
मुझे नफरत है
जी हां मुझे नफरत है
समाज के उन ठेकेदारों से नफरत है
जो सही करने वालों को भी करने नहीं देते हैं।
हर जगह अपनी चलाते हैं। अंधविश्वासों को बढ़ावा देते हैं।
सब जगह अपनी रोटियां सेक लेते हैं।
मुझे नफरत है उन ढोंगी साधु बाबाओं से,।
उन ढोंगी धर्म के ठेकेदारों से।
जो धर्म के नाम पर लोगों को ठगते हैं।
मुझे नफरत है उन लोगों से जो ऊपर से कुछ और होते हैं।
अंदर से कुछ और।
दिखाते हम से अच्छा कोई नहीं ।
मगर हकीकत में उन से बुरा कोई नहीं।
मुझे नफरत है उन लोगों से जो दोगले होते हैं।
मुझे नफरत है उन लोगों से जो सांप्रदायिक दंगे फैलाते हैं।
और खुद पर्दे के पीछे रह जाते हैं।
अपना उल्लू सीधा कर जाते हैं।
मुझे नफरत है उन लोगों से जो जातिवाद को फैलाते हैं।
बड़ी-बड़ी बातें करते हैं पर खुद जातिवाद को मानते हैं।
मुझे नफरत है उन लोगों से जो बात बात में सामने वाले को उतार पाते हैं
खुद को सर्वज्ञानी समझते हैं।
और सामने वाले को बहुत अज्ञानी समझते हैं।
