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Amitosh Upadhyay "amit"

Others

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Amitosh Upadhyay "amit"

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मेरी ज़िंदगी

मेरी ज़िंदगी

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उसका मेरे जीवन में आना

एक नया आयाम देता है मेरे जीवन को,

उसकी मौजूदगी से ही संवर गया है मेरा जीवन

और हल हो गई है मानो सारी मुश्किलें,

उसकी मासूमियत पर

सब कुछ हार जाने को जी चाहता है, 

वही तो है

जिसकी मुस्कराहट पर मिट जाने को जी चाहता है,

चाहे भी क्यों ना ?

उसने ही तो बसाई है मेरी दुनिया

वो दुनिया, 

जिसमें है सब कुछ,

उसे पाने के बाद

लगता है अब और नहीं चाहिए कुछ, 

उसका यूँ प्यार बरसाना

मेरी परेशानी देख तुरंत उदास हो जाना, 

दर्शाता है उसके अंतर्मन में

छिपे मेरे प्रति प्रेम को,

बात बात पर खिलखिलाना, 

कभी बिना बात के ही रूठ जाना

लाता है उसे और करीब मेरे, 

क्योंकि

उसकी यह अदा मुझे बहुत भाती है

नाराज़ तो मुझसे होती है

लेकिन गुस्सा सब पर दिखाती है,

वो अगर ना होती मेरे जीवन में

तो मेरा क्या होता ?

यह सोचकर ही जैसे

सिहर जाता है तन मन, 

क्योंकि, 

उसकी मुस्कराहट के आगे बेकार है

सारी दौलत और सारा धन,

हो भी क्यों ना ?

उससे जनम जनम का नाता जो जुड़ा है, 

तभी तो, 

सब कुछ छोड़ कर मन उसी की ओर मुड़ा है, 

ज़िंदगी के हर सुख दुःख में

चलना उसी के साथ है

नहीं कोई गम, 

क्योंकि हाथों में उसका हाथ है,

मेरे जीवन के हर ताले की वो ही चाभी है, 

अरे भाई वो कोई और नहीं, 

वो तो आपकी भाभी है।


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