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Anant Kaushik

Others

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Anant Kaushik

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मेरे पापा

मेरे पापा

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जब खो देता हूँ मैं अपना आपा,

तब मुझे समझाने आते हैं मेरे पापा!

प्यार करता हूँ मैं उन्हें सबसे ज्यादा,

वह भी पड़ जाता है कभी-कभी आधा,

जब खेलते हैं वह मेरे साथ,

पकड़ते हैं वह मेरा हाथ!


जब बैठता हूँ मैं चाय पीने उनके साथ,

दुआ करता हूँ कभी खत्म ना हो गिलास,

लगता हूँ मैं उनको प्यारा,

हूँ मैं उनका राज दुलारा!

चाहता हूँ मैं बस उनका साथ,

चाहे वह मुझे प्यार दे या दें डांट,


उस घंटी का इंतजार हमेशा रहता है मुझको,

जिसके बजने से मिल जाते हैं मेरे पापा मुझको!

हमेशा बनना चाहता हूँ मैं उनके जैसा,

यकीन है मुझे एक दिन बन जाऊँगा मैं वैसा

आई लव यू पापा!


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