मौत
मौत
क्या होता है मौत के बाद
यह राज किसको नहीं पता,
मौत का राज खोलने के
लिए कितने हो गये लापता।
आयेगी एक दिन सबको
मौत सुन लो राम दूलारी ,
ओढ लेंगे कफन सर पर
करेगें जलाने की तैयारी।
चली जायेगी आत्मा
शरीर छोड़ देने के बाद ,
इस बेजान शरीर को जला
डालेगें रह जायेगी तेरी राख।
कितनी सुंदर होगी मौत
कितने हंसी नजारे होगें ,
आज तेरे साथ कोई नहीं
कल जलाने के लिए हजार होगें।
मौत तो ऐक बहाना है
शरीर छोड़ जाना है
क्या तुझे भी किसी का
उधार देकर जाना है।
नहीं दिया उधार तो
कल तू पछताएगा ,
शरीर हो जायेगा खाक
तू भटकता रह जायेगा।
कमाई तूने दौलत क्या
किया किसी गरीब का काम ,
लोग तेरी बुराई करेगें ,
मिट्टी में मिल जायेगा तेरा नाम।
मौत तो एक कल्पना है
विशाल ने इसको लिखा ,
जाकर पूछ तू मौत से
क्या कभी तूने जीवन देखा।
मौत यह क्या होती है
होती है एक हवा का झोंका ,
आज तक मौत को
किसी ने नहीं देखा।