STORYMIRROR

AJAY AMITABH SUMAN

Children Stories

4  

AJAY AMITABH SUMAN

Children Stories

मैंने भी देखा एक कुत्ता

मैंने भी देखा एक कुत्ता

1 min
392

मैंने भी देखा एक कुत्ता,

यदा कदा ही सीधा होता।


इसपे उस पे धौंस जमा के,

जब भी चलता पूँछ उठा के।


ना जाने क्या सनक चढ़ी है,

दो तीन बोतल भाँग चढ़ी है।


आँख दिखाकर करता बातें,

क्या हो दिन कि क्या हो रातें।


नाहक हीं सब पे गुर्राये,

बिना बात के हीं चिल्लाये।


जब कानों पे फ़ोन लगाए,

सी.एम.से बातें कर जाए।


जैसे पॉकेट में सब इसके,

पी.एम.घर आते हों इसके।


पर कुत्ते का अजब उपाए,

कानों पे कोई चपत लगाए।


सनक चढ़ी जो फु हो जाए,

अकल ठिकाने इसके आए।


पिछवाड़े कोई धर दे जूता,

मैंने भी देखा एक कुत्ता।


Rate this content
Log in