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मैं साथ हूँ,तेरे

मैं साथ हूँ,तेरे

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मैं साथ हूँ, तेरे संग हवा का झोंका 

बनकर फूल की ख़ुशबू औऱ एक रिश्ता अनोखा बनकर

तू जीत ले मुझको मेरे मन का सिकन्दर बनजा

 मै आई हूँ तेरे पास जीत का मौका बनकर

 समन्दर की लहरें अक्सर कश्तियाँ डुबोती है

 तुम ना मुझको डुबाना मेरे ज़िन्दगी का नौका 

बनकर ग़ैरों की पनाहों में देखना है तू

 कब तक छुपता है "अश" मैं आऊँगी

 ज़िन्दगी में तेरी हाथों की रेखा बनकर ।।

 लक्ष्मी'अशराज'

 

 


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