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Mansi Vora

Others

3.3  

Mansi Vora

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माँ

माँ

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शब्दों में सब से बड़ा शब्द है माँ

जिसकी महिमा है अपरम्पार

जिसके बिना सूना है सारा संसार

ऐसी है माँ 

हमारी खुशियों को दुगना कर देती है माँ

हमारे दुखों को हर लेती है माँ

हमारे दर्द को अपना बना लेती है माँ

पर हम पे आंच तक नहीं आने देती है माँ

 

हम बीमार हो तो पूरी रात जागती है माँ

पर खुद की बीमारी की हमे भनक तक नहीं लगने देती है माँ

कभी डाटतीं है तो कभी आँचल में छिपाती है माँ

पर हमारी आखों में कभी आसूँ नहीं आने देती है माँ

 

हमारे लिए अपनी ख़ुशियाँ कुरबान कर देती है माँ

हमे दुःखी देख अपनी आँखों से नदिया बहाती है माँ

हमे खिलाएं बिना पानी तक नहीं पीती है माँ

करुणा का सागर, प्रभु की परछाई है माँ

जो बेवजह प्यार करें वह हैं माँ!


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