लव कुश जयंती
लव कुश जयंती
रघुकुल वंशज कुल दीप दोऊ,
लवकुश का नाम प्यारा है ।
रण विद्या गुरुवर सिखलाये,
गुरु मां का ज्ञान न्यारा है ।।
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माता गुरुवर की किरपा है,
लहु रघुकुल वंशज क्षत्री का ।
गाथा इतिहास में सूर्य बनी,
क्षत्री रघुकुल उजियारा है ।।
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गौरव हो तुम रघुकुल वंशज,
दशरथ,श्रीराम की याद हो तुम ।
हम सबका विनय प्रभु तुम से,
अवतार ले, आना दुबारा है ।।
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दुहराना है ये इतिहास हमें,
वंशज की शान बढ़ाना है ।
हम रहें एकता के बंधन में
परचम लहराये हमारा है ।।
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क्षत्राणी हों बेटी अपनी,
सीता देवी,कैकयी जैसी ।
कौशल्या सुमित्रा माता का,
स्नेह गंगा जल धारा है ।।
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जयघोष हो दशरथ नंदन का,
लव-कुश वीरों की जय होवे ।
जयकारा वंशज शिरोमणि,
श्रीराम नाम जग प्यारा है ।।