STORYMIRROR

Pragya Deole

Others

2  

Pragya Deole

Others

लिबास

लिबास

1 min
146

कैसे-कैसे लिबास देखें हैं 

  कैसे-कैसे नक़ाब

कोहरे में लिपटी आतिश देखी है

   तो धुआँ-धुआँ होता शबाब_

रिफ़ाक़त नहीं कोई फिर भी

   जलता है दिल किसी की खुशी से

 जैसे जल रहा हो उसी का ख़्वाब

    ज़िन्दगी पल की नहीं 

 हसरतें लाजवाब

   


Rate this content
Log in