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Pragya Deole

Others

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Pragya Deole

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लिबास

लिबास

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कैसे-कैसे लिबास देखें हैं 

  कैसे-कैसे नक़ाब

कोहरे में लिपटी आतिश देखी है

   तो धुआँ-धुआँ होता शबाब_

रिफ़ाक़त नहीं कोई फिर भी

   जलता है दिल किसी की खुशी से

 जैसे जल रहा हो उसी का ख़्वाब

    ज़िन्दगी पल की नहीं 

 हसरतें लाजवाब

   


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