!!खुशबू मेरे वतन की!!⚘
!!खुशबू मेरे वतन की!!⚘
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खुशबू मेरे वतन की,
भर लाया हूँ, एक शीशी में!!
माँ का प्यार,
पिता का आशीर्वाद!
भर लाया हूँ, एक शीशी में!!
बागों में लहराते,
हरे-भरे पेड़ो की छांव को!
भर लाया हूँ, एक शीशी में!!
एक हीर के बालों में सजे,
गजरे की खुशबू को,
भर लाया हूँ, एक शीशी में!!
आसान नहीं हैं,
यूं सरहद पर रहकर,
उन यारों, उन कलियों को याद करना!!
इसलिये, भर लाया हूँ,
खुशबू मेरे वतन की, एक शीशी में!
खुशबू मेरे वतन की, एक शीशी में!!