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Vandana creations

Others

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कैसी मानवता

कैसी मानवता

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मन में दुर्भावना लिए,

       धर्म स्थान जाते लोग।

लगी लंबी लाइन में,

     धोखे से घुस जाते लोग।


प्रतीक्षा थोड़ी कर सकते नहीं,

     औरों को धक्का देते लोग।

पैसे ज्यादा चढ़ा खुश करते लोग,

   कुटिलता से देव दर्शन चाहे लोग।


भूखे चाटते पत्तल झूठे,

    खाना फेंकते बड़े लोग।

दे सकते नहीं प्यार से,

   दुआ मांगते बदले में लोग।


बिल्ली काट दे रास्ता ,

    रुक जाते राह में लोग।

कुत्ते बिठा कार में

    घूमने दूर दूर जाते लोग।


डाल पट्टा कुत्ते के गले में ,

    गली गली घुमाते लोग।

अपना घर साफ रख ,

 दूसरे घरों को गंदा करते लोग।


पहले सोचें दूसरों की,

      होती मानवता ऐसी।

मन में आए पराया पन,

     कैसी मानवता ऐसी।


ढोंग करते धर्म का,

     प्रकृति को समझे बिना।

दुर्भावना मन में यदि नहीं,

     तो मानव में भेद कैसा?



साहित्याला गुण द्या
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