"परीक्षाओं के अंक"
"परीक्षाओं के अंक"
अंकों को बना चुकी है दुनिया
लक्ष्य की प्राप्ति
बिना सीखने के उद्देश्य से अर्जित किया ज्ञान
ज़िन्दगी में लगी बहुत बड़ी दाग जैसी है
अतः इससे जीवन की उन्नति असंभव है
फिर भी लोग स्वं के अंतरात्मा को नहीं पुकारते
अपने मस्तिष्क को दृढ़ बनाने की प्रबलता
ज्ञान के कुंजी को उस दृढ़ अंगों में समाहित करना
यह होती है ज़िन्दगी की जीत
सुनी अंकों की बड़ी-बड़ी मिसालें
अतः उनको भी समझाता हूँ
तेरे ज्ञान के उपरांत की यह भुलैया उपलब्धि है ?
या तेरी वो रट्टूमल की परंपरा से रचित उपाधि है ?
रट्टूमल ही मल को दिखाती है
स्वं को अपने आंतरिक नज़रों से झुकाती है
अंततः अब आया मौका उस रट्टूमल वाले मल का
की अपनी जीवन की कुछ उत्कृष्ट व्याख्यान दो
शांत अवस्था में क्यों हो ?
ओहो ! मैं अभी जाना तुम ही तो रट्टूमल हो
क्षमा करना मित्रवर अब तो समझ जाओ
वर्तमान समय में मेरी कुछ विचारों को तो सुन जाओ
की नहीं प्राप्ति होगी वो उपाधि तुझे
तू कागज के पन्नों को जो निखारता है
कोटि-कोटि सुरभित होगी तेरी ऊर्जा
जब तू ज्ञान को ही अपना असल मार्ग बताएगा