Patel Padmaxi
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चल सखि री रंग उड़ा ले
रंग आये आज कान्हा को।
नटखट उस माखन चोर को
शिरपाय डुबोये कान्हा को।
मटकी तोड़े , चिर ले भागे
आज हम सताये कान्हा को।
भर भर हथेली रंग उडेले
श्याम वर्ण रुप बदले कान्हा को।
प्यारवाले
प्रिये
हम
कान्हा को
नया रंग
रंगो की डोली