STORYMIRROR

Roohi Jain

Others

2  

Roohi Jain

Others

ज़िन्दगी क्या है?

ज़िन्दगी क्या है?

1 min
671


ज़िन्दगी क्या है?

एक पल को बड़े,

दूसरे पल फिल्से,

हाथ में रेत से समय को लिए।


गिरते,उठते, थमते, ठेहरते,

जो तय करो यह सफरनामा।

एक पल का हसना,

दो पल में बादलों का घिर जाना है।


यही है तेरे मेरे दरमियान दो पल,

जो सुनना है, जो कहना है,

सब यही दफ़न हो जाएगा।


तो क्यूं ना मन की खिड़की खोल कर,

उन लफ़्ज़ों को उड़ान भरने दें ?

जो रात को छिपके आंखों पर छा जाते हैं,

या नींद के संग उड़ान भरकर, मचाते हलचल।


ज़िन्दगी तो बढ़ती चली जाएगी ए रही,

तुझे ही उस गम को गले लगाना होगा।

मुस्कुराकर हर मुश्किल को अपनाना होगा,

क्योंकि ज़िन्दगी वो रास्ता है जो आसान नहीं,

मुश्किलें काम तो होंगी, पर आसान नहीं।


तो क्यूं ना शिकायतों को पीछे छोड़ कर,

सच्चाई से नाता जोड़ कर,

जो आंखों के सामने है उस चाहे,

बीते कल की या वर्तमान की चिंता छोड़ कर?


ज़िन्दगी क्या है?

एक पल को बड़े,

दो पल को फिसले,

हाथ में रेत से समय को लिए।


இந்த உள்ளடக்கத்தை மதிப்பிடவும்
உள்நுழை