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जीवन का संगीत

जीवन का संगीत

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फूलोंं की डाली से तुम को चुरा लूँ ।
तुम हुऐ आज हमारे ।
फिर से वो सावन होगा और वो बारिश की फुहारें ।

तारे आँगन मे चमकते होंगे और होंगी बहारें ।
चाँद की रौशनी बिखरी होगी और तुम हो मेरे ।

नदी के किनारे चाँद सितारे करते होंगे बातेंं ।
ठंडी हवा जो दे रही वह प्यारी प्यारी मीठी बातेंं।


दिल जो बोले बोलता ही रहे, एक बार ना रुके।
यूँ फूलों की महक धीरे धीरे मन चले जो बहके।

चाँद की रौशनी झलक रही ये मन लगे ना कहींं और।
ना जाने कौन सी कशिश खींचे तेरी ओर।

मुझ को मुझसे तुम चुरा लो जानूँ ना मैंं कुछ जैसे।


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