हरो कष्ट करो कोरोना का निदान
हरो कष्ट करो कोरोना का निदान
अंजनी के लाल आज आपका प्राकट्य-दिवस है,
इस धरती पर आप अजर-अमर देव हो,
आज धरा पर मानव जीवन फंसा पड़ा है भंवर में,
अंजनी जी के लाल अपना हाथ बढ़ाओ तुम,
कोरोना के अथाह सागर में मानव जीवन की कश्ती फंसी है,
अब पतवार बन कश्ती को आपको लगाना पार है,
लक्ष्मण को संजीवनी लाकर दिया नया जीवन,
त्राहि-त्राहि करता आज सम्पूर्ण धरा पर मानव-जीवन,
हा हा कार मचा रखा राक्षस कोरोना से भय भरा पड़ा है सब में,
खिसक रहा है जीवन जीने का अब तो आधार सब में,
आपका इरादा अटल-तेज है प्रभावआप ही करदो कोरोना का संहार,
अति भयाकुल है धरा पर हर इंसान बार-बार ललकार रहा यह असुर,
आप ही धरा पर प्रकट हो कर कर दो सबको पुनः नया जीवन-दान,
यह संकट ही ऐसा है जो तुमसे ही टरे दूजे किसी से न,
मानव जाती की है मति मूढ़ कर बैठा है गलती बडी भारी,
आप हो ज्ञानी इस धरा पर आप ही तारन-हार,
पाप गति बड़ी तेज है धरा पर डस्ता पल पल अंधियारा,
आप ही योगी आप ही बलशाली आपसे बढ़कर ओर कौन ?
हरो विप्पति करो निदान कोरोना का जो बढ़ रहा रैन-दिन,
आये है आज शरण तुम्हारे हर प्राणी बन दीन,
कष्ट हरो अंजनी के लाल कोरोना का करो करो जल्दी निदान !!
