हिन्दी भाषा
हिन्दी भाषा
भारत देश की राजभाषा,
मीठी अपनी हिन्दी भाषा।
सही व्याकरण इसका संगी,
संस्कृत की बिटिया मनरंगी।
लिपि देवनागरी इसकी है,
महिमा दुनिया में जिसकी है।
अक्षर बदलें अनर्थ होता,
बाघ बाग बनकर तब रोता।
गदा गधा बन फिर रेंकता,
पढ़ना पड़ना बनके फेंकता।
मात्रा बदले सूली टाँगे,
दिन दीन बन भीख माँगे।
मैं बन में में मिमियाए,
चीता चिता बन जल जाए।
उच्चारण बदले कर तैयारी,
अर्थ बदलता भरकम भारी।
श को स जब कोई बोले,
शाप साँप फिर बनकर डोले।
ख को क जब कहते सारे,
खाना बन काना नयन हारे।
लिंग की गलती हमें हँसाती,
लड़की नाचा लड़का गाती।
गिनती सीखें मन से सारे,
भूल दिखाए दिन में तारे।
उन्नीस जब उनचास बनता,
युवा बुढ़ापे में पग धरता।
चौदह जब चौंसठ होता,
रॉनी बन रामदीन सोता।
भाषा की गरिमा पहचाने,
पढ़ना लिखना सटीक जाने।
आदर पाओ भारत वासी,
हिन्दी सीखो समझो माँसी।
