हे देवी माँ
हे देवी माँ
तू भय भव भंजक जगत कल्याणी है,
दुष्टों की दुर्गा काली,
भक्तों की रखवाली है।
शक्ति दे मुझे अपनी,
भक्ति का भाव भाग्य दे !!
माँ शारदेय,
मैं आया तेरे द्वार तुझे पुकारते।
मैं तेरी संतान सुन पुकार,
मेरी कामना का,
वर वरदान दे!!
खोजता भटकता सारे जहां में,
आ गया हूँ तेरे द्वार।
तेरे ज्योति के उजियार में !!
जिंदगी की दुश्वारियां बहुत,
मैं आ गया जिंदगी,
चाहतों की राह में,
तेरी ममता आँचल की छाव में !!
माँ शारदेय,
मैं आया तेरे द्वार तुझे पुकारते।
मैं तेरी संतान सुन पुकार,
मेरी कामना का,
वर वरदान दे!!
हो गया हो गर कहीं,
अपराध तेरी सेवा पूजा सत्कार में।
तेरा ही वात्सल्य हूँ,
कर छमा,
दया का आशिर्बाद दे !!
तू तो जग जननी सद्गुण ही,
जानती तू अपनी संतान में।
मेरे दुर्गुणों को,
सद्गुणों में निखार दे !!
माँ शारदेय,
मैं आया तेरे द्वार तुझे पुकारते।
मैं तेरी संतान सुन पुकार,
मेरी कामना का,
वर वरदान दे!!
लालसा बहुत मानवीय स्वभाव में,
तेरी भक्ति का भाव,
शक्ति धन धान्य में।
मेरी चाहत सिर्फ तू रहे,
आत्म प्रकाश में,
आत्म के प्रकाश में !!
माँ शारदेय,
मैं आया तेरे द्वार तुझे पुकारते।
मैं तेरी संतान सुन पुकार,
मेरी कामना का,
वर वरदान दे!!
साध्य साधना आराधना मेरी,
कर्म धर्म ज्ञान के बैभव बैराग्य में
माँ मेरी तू अपनी
ध्यान ज्ञान की भक्ति की शक्ति का
मुझे वर दान दे !!
माँ शारदेय,
मैं आया तेरे द्वार तुझे पुकारते।
मैं तेरी संतान सुन पुकार,
मेरी कामना का,
वर वरदान दे!!
तू भय भव भंजक जग कल्याणी
दुष्टोे की दुर्गा काली भक्तों की रखवाली
शक्ति दे अपनी भक्ति का भाव
भाग्य दे !!
माँ शारदेय,
मैं आया तेरे द्वार तुझे पुकारते।
मैं तेरी संतान सुन पुकार,
मेरी कामना का,
वर वरदान दे!!
