गुलाब की मुस्कान
गुलाब की मुस्कान
1 min
345
मधुर पवन खुले उपवन,
महकते गुलाबों की सौंधी सुगंध,
खुले नयन कहे मृग मन,
छू लूँ हर पल, न हो कोई बंधन।
बहकते कदम झूमे तन मन,
नैनो से गिरे मोती मंद-मंद,
भवरो का गुंजन, फैला गगन,
छोटी से हंसी, छोटा सा ये मन।
संतूर की तरंग, बजता मृदंग,
माँ की ममता, शिशु का रुदन,
अनूठा बचपन, मतवाला यौवन,
गुलाब की मुस्कान, गुलाब की धड़कन,
देखे ये नयन - देखे ये नयन।