एक प्रेमी अपनी प्रेमिका से कहता है
एक प्रेमी अपनी प्रेमिका से कहता है
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तेरी चाहत का दरिया देख दिल ये कहता है
प्यार तुझसे ही करूं और सब तो धोखा है
चांद तुझे देखकर हरदम ओ मौन रहता है
तेरी मंजुल को देख चाँद भी चुप रहता हैं
तेरी चाहत..........................................
तेरी जुल्फों की अदा देख घटा छाती है
चकवा चकवी एक दूजे से बिछड़ जाती है
तेरे ललाट की ऐसी ओ चमक आती है
सारे संसार का अंधेरा ही हर लेती है
तेरी चाहत ..................................
तेरे कजरारे नैन लगते बड़े प्यारे हैं
तेरे पलकों की छांव बैठे हम दीवाने हैं
तेरी मुस्कान हमें लगती बड़ी प्यारी है
तेरे होंठों की अदा खूब ही निराली है
तेरी चाहत का दरिया देख दिल ये कहता है
प्यार तुझसे ही करूं और सब तो धोखा है।
