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NISHANT KUMAR

Others

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NISHANT KUMAR

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एक पागल व्यक्ति की जिंदगी

एक पागल व्यक्ति की जिंदगी

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देखो वो कैसे भटक रहा है

उसका कोई सहारा नहीं है

वो बेचारा अकेला है

उसका कोई सम्मान नहीं है

लोग उसे पागल कहते है

क्योंकि वो दिमागी मरीज है

हर कोई उसे मारता रहता है

क्योंकि वो बेचारा अपाहिज है

उसका जीवन व्यर्थ बीत रहा

उसको कोई संभालो जरा

वो एक बेसहारा व्यक्ति है

उसकी कोई सहायता करो जरा

हमें तो बहुत कुछ मिलता है

माता पिता का सुनहरा तोहफा

उनको क्या मिलता है 

जिंदगी का वो गहरा धोखा

हर किसी की जिंदगी भी

एक सामान नहीं होती है

उन बेचारों को देखो जिनके

नसीब में खुशी नहीं होती है

हर कोई अच्छा दिखना चाहता है

क्या उन बेचारों का सम्मान नहीं

हर कोई सुनहरे सपने देखता है

क्या उन बेचारों को कोई अधिकार नहीं

हम तो खूब भाग्यशाली होते है

जिनके पास सब कुछ होता है

वे तो बेचारे बेसहारा होते है 

जिनके पास दुख दर्द होता है



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