क्यूँकि यार के इश्क में ही असली नशा है...! क्यूँकि यार के इश्क में ही असली नशा है...!
क्यों ना मैं मयखाने जाऊं। क्यों ना मैं मयखाने जाऊं।
गम का समंदर समेटे शाकिया पी रहा था शराब मयखाने में। गम का समंदर समेटे शाकिया पी रहा था शराब मयखाने में।