दर्द
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मैं दर्द हूं
मैं तो सबका अपना हूं
पर कोई मेरा अपना नहीं
मैं दर्द हूं
ज़िन्दगी मेरी दोस्त तो है
पर मेरा साथ देख कर कोई
उसको भी अपनाता नहीं
मैं दर्द हूं
मैं अच्छा दोस्त हो सकता हूं
पर मुझसे दोस्ती का हाथ आगे
कोई बढ़ता ही नहीं
मैं दर्द हूं
मैं सब को दुख में तराशता हूं
पर कोई मुझे अपने पास रखने
की आशा करता ही नहीं
मैं दर्द हूं
और मुझे भी दर्द होता है
सबको मैं अपना मानता हूं
पर कोई मुझे अपना मानता ही नहीं