दोस्त शब्द का मतलब
दोस्त शब्द का मतलब
मेरे जीवन के ये तीन अक्षर के शब्द,
मेरे दिल के सबसे करीब ये शब्द।
छोटी हो या बड़ी बात,
खुशी हो या गम की बात।
उससे शेयर किए बिना नहीं रहना,
उससे सुलह करवाए बिना नहीं रहना।
मेरे जीवन के सबसे अच्छे पल तब होते है,
जब हम तीनो दोस्त साथ होते है।
तब शुरू होती है हर एक बात,
एक को दो मिलकर चिढ़ाते है।
पुराने बातो को याद करके हंसते है,
और फिर खुद बोलते है क्या समय था यार,
क्या कहने उस पल के यार।
आज भी एक मैसेज का इंतजार रहता है बस,
फिर क्या सब काम छोड़कर टाइम पर तैयार रहना है बस।
कभी गुस्सा तो कभी खुशी वाला पल होता है,
जब भी हम लोग मिलते है,
तो कभी खट्टी तो कभी मिट्ठी बात होती है।
स्कूल वाली बातो से शुरू होती है बात,
और कोचिंग वाली बातो पर खत्म होती है बात।
कुछ भी सीक्रेट हो सबसे पहले दोस्तों को बताना,
किसी को कुछ बताओ या ना बताओ पर
अपने दोस्तों को जरूर बताना।
जब दोस्त की कोई बात दूसरो से सुनने को मिलती है,
तो चेहरा उदास कर बोलना,
यार ये तुने ठीक नही किया,
आज से कट्टी है तुझ से
फिर दूसरे ही पल गले लग कर सब कुछ भुला देना।
क्या यार है मेरे, ये यारी कभी ना टूटे,
चाहे कुछ भी हो, पर ये यारी कभी ना छूटे।
