देश मेरी जान
देश मेरी जान
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मेरे जिन्दा रहते तू न झुका सकेगा झंडे को ।
तेरे सीने में लहराउंगा अपने इस तिरंगें को ।
छू ले गर तू मेरे देश के रतू एक भी परिंदे को ।
घूट मौत का पिला दूँगा तेरे एक एक बंदे को ।
