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Simranjit Singh

Others

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Simranjit Singh

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देश मेरी जान

देश मेरी जान

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मेरे जिन्दा रहते तू न झुका सकेगा झंडे को ।

तेरे सीने में लहराउंगा अपने इस तिरंगें को ।

छू ले गर तू मेरे देश के रतू एक भी परिंदे को ।

घूट मौत का पिला दूँगा तेरे एक एक बंदे को ।


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