पतझड़ नहीं तो सावन कहां है। बचपन भी अब बचपन कहां है। पतझड़ नहीं तो सावन कहां है। बचपन भी अब बचपन कहां है।
ये हमारी ज़िन्दगी की विडम्बना है कि जो जीना चाहते हैं उन्हें मौत ले जाती है और जो मरना चाहते वे हैं... ये हमारी ज़िन्दगी की विडम्बना है कि जो जीना चाहते हैं उन्हें मौत ले जाती है और ...