छोटा भाई
छोटा भाई


है मेरी मेहफ़िल में ये खामोशियाँ कैसी,
लगता हैं उन्हे मेरे ज़नाज़े की अभी खबर नहीं,
कुछ लोग है यहां भी जो मुझसे लिपट के
रोये जा रहे है,
गवारा न था, जिनको एक कतरा भी पानी
का हमारे साथ,
वो आज आँसुओं से दामन भिगोये जा रहे है
देखा न कभी एक पल को मुझ को, और
अनजान है अब भी मुझ से,
वो आज ब-अदब, मोहब्बतन कंधों पर उठाए
ले जा रहे है।
अब कैसे बताऊँ उसको, तरस गयी फकत एक
लम्हे को आँखें दीदार को उसके,
जिसके आँसू भिगो रहे है चेहरे को मेरे, अब
अफसोस की तपिश जला रही सीना तेरा,
अब तो चला गया मैं, सारे सिलसिले तोड़ कर,
एक ज़िन्दगी थी साथ मेरे, अब वो भी चली गयी
साथ छोड़ कर।
लेकिन है याद तुझ को वो मिट्टी के खिलौने, जो
बाबा ने दीया था साथ हमे,
हर बार टूटने पर तेरे खिलौने, क्यों मेरे खिलौने
कम हो जाते,
और याद भी है, अम्मा के निवाले जो साथ खिलाती
थी हमको,
और छिला हुआ गुथना लेकर गली में भागा रोता था,
पानी से धूल कर उसपर मलहम कौन लगाता,
और ये सब अम्मा से छुपा कर,
हर बार नई कहानी उनको कौन सुनता था,
वो बचपन की लड़ाई में हर बार तू जीत जाता था,
गले में आई हिचकी तो मैं पानी का प्याला था,
तू मेरा छोटा भाई, और पूरे घर का शाहजादा था।