बसंत ऋतु में विद्यार्थी का आलस
बसंत ऋतु में विद्यार्थी का आलस
यह मौसम है कितना पावन मन को आनंदित कर देता,
हृदय के दुःख दर्दों को झट से है विलगित कर देता,
मन मंद मंद मुस्कुराता है इस मौसम की हरियाली से,
सुगंधित खुशबू आती है पुष्पों की चंद बयारों से,
यह मौसम.......................... विलगित कर देता ।। 1।।
मौसम की प्रशंसा सुन आलस भी आक्रमण कर देता,
विद्यार्थियों पर सीधे बार करे उलझन है पैदा कर देता,
आदित्य आलस से डरना नहीं आक्रमण पर प्रतिक्रिया देना,
संघर्ष निरंतर जारी रख आलस के चिथड़े कर देना,
यह मौसम.......................... वि
लगित कर देता ।। 2।।
नित्य आगे फिर बढ़ते जाना इस मौसम की अगुवाई में,
स्वयं को गढ़ते जाना तुम गुरुजन की परछाई में,
कुछ दिन शेष बचे हैं अब फिर होलिका दहन आ जाएगा,
बचकर के फिर यह आलस होलिका दहन से कहां जाएगा,
यह मौसम.........................विलगित कर देता ।। 3।।
अब जल्द समय वो आएगा आलस तुमसे घबराएगा,
आलस भी तब घबराकर फिर अपने घर को जाएगा,
समय यही वो होगा जब प्रगति की राह खुल जाएगी,
तमन्नाएं तुम्हारे दिल की हैं वह मंजिल बनकर आएंगी ।। 4।।