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Hemlata Poralkar

Others

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Hemlata Poralkar

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बोल देना हीं अच्छा होता हैं|

बोल देना हीं अच्छा होता हैं|

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गुफ्त गु किस तरह होनी चाहिये 

वो भी दिल खोल के की जानी चाहिये,

वो दिन-दिन के शिकायते

युही टकराते हुऐ चले जाते हैं|


हमारे रिश्ते ही नाव के कश्ती में आते हैं

समुंदर की तरह भरा हुआ ये मन

कभी तुफान की भाति खोल देना ही अच्छा होता हैं|


वो जो लोगोंसे हम कुछ बात-बात पर लहराते हैं

कभी, ना पसंद से मुँह फुलाते हें,

वो सब ठीक ही हैं जनाब-

रिश्तों कें नखरे कुछ इस तरह से ही होते हैं|


आपके मोहब्बत से कभी नाराजगी भी क्यू ना रहे,

दोस्तों में वो नोक-रोक के झगडे भी क्यू ना रहे,

परीवारों में कभी कडवाहट का रंग भी आ जाए,

पर हम हर कदम साथ-साथ हैं

बाट के वो सारे गम, हँसी से सब कह देंगे,

वो शिकवा नहीं रखना हमे बस सीधी-सीधी बात का हुनर रखना हैं,

बोल देना ही अच्छा होता हैं

नहीं तो सन-सन की हवाओं से पत्ते भी गिर जाया करते हैं|


हमने तो सोच लिया, क्यू बे वजह शब्दों को घुमाऊ

जो हैं दिमाग में बस उसको ही जुबान पे लाऊ,

यूँ गोल-गोल कर के एक दिन में ही नही तो फस जाऊ!

सोच लो सीधे से, सीधी सी तो बात कहना हैं

हम भी कोई वो सच्चे नही, बस इन्सान है

बोल देना ही अच्छा होता हैं,

सीधी सी ये बात हैं|


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