बीके हुए अरमान
बीके हुए अरमान
बिक गए तेरे अरमान रिश्ते के आड़ में,
तू तो समझ ही ना सकी के अपने कौन है और पराये कौन।
जो उम्मीदें थी तुझसे वो तो कोई और यकीनन पूरा करेगा,
लेकिन उसका क्या होगा जो तेरे साथ होगा।
रिश्ते के आड़ में छिपे हुए हैवानो को तू जान ना सकी,
अपना कौन है पराया कौन मेरी बच्ची तू ये पहचान ना सकी।
क्या हुआ मतलब के इतना संभाला आपको ,
आप हो कौन ये बतया आप को।
ना सुनी ना समझी बताई हुई बातों को ,
अब क्या फायदा जब कंगन छूए तेरे हाथों को।
मरते दम तक तू घुट घुट कर जियेगी,
मेरी बच्ची तू जीते जी ही मरेगी ।
ना चाहते हुए भी आंखे हुई नम ,
न जाने कब समझेगी तू मेरे अनुमानों का ग़म ।
मेरी बच्ची तू थी ही इतनी काबिल ,
के भर देती थी प्यार से सबके दिल ।
मेरी बच्ची करना रहम हम पर इतना ,
सूनी रखना कोख अपनी ना दर्द देना किसी और को इतना ।
तेरे अरमानों को तूने अपने हाथों से है खोया ,
तू ना जाने कौन तेरे लिए कितना है रोया ।
नाबालिग उम्र में पड़ा है मस्ती का पहरा ,
घर से बाहर मत निकलना छाया है सुनहरा कोहरा।
भले ही झूठा खून का रिश्ता जीत गया है आज ,
आप सजाना अपने बच्चों के अरमानों का साज ।
ना जाने कब तक याद आएंगे वो फ़साने ,
किये थे मिलकर साथ जो अफ़साने ।
भाग्यवंतीन देवी के सामने बिका है भाग्य आपका,
बसवेस्वर के सामने नीलाम हुआ हर सपना।
माँ के प्यार की धूल आपको बहुत सताएगी ,
मेरी बच्ची ना जाने कब तू फिर से हमे हँसाएगी ।
गुस्सा और तरस है छाया आपके इर्द गिर्द ,
आपकी खुशी से तो हारा है ये आपका शागिर्द ।
