Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Gaurav Bharti

Others

3  

Gaurav Bharti

Others

भेंट

भेंट

1 min
231


तुम्हें याद है

हमारी वह पहली बारिश

जिसकी बूंदों को ओढ़ कर

सिर्फ हम नहीं भींगे थे


कॉलेज के मैदान में 

दूर तक पसरी 

मुरझाई दूभ भी तर गयी थी


बस इतना ही नहीं हुआ था उस दिन

हुआ यूँ था कि

शहर में एक युवा ने

गाँव जी लिया था 

एक बच्चा जो अब परिधि का हिस्सा था

तुम्हारी सोहबत में वह 

केंद्र बन गया था


तुम्हें पता है

शहर की ट्रेन पकड़ते ही

ज्यों-ज्यों गाँव दूर होते जाता है 

व्यक्ति का किरदार बदलने लगता है 

ऐसा मेरे साथ भी होता है, और

ऐसा ही होता है

जनसेवा, जनसाधारण जैसे ट्रेनों के 

जनरल डिब्बे में शहर की तरफ 

सफर कर रहे मुसाफ़िरों के साथ

क्योंकि उनकी हर एक गठरियों में

एक उम्मीद बंधी होती है

जिसके सहारे वह नए रंगमंच पर 

शानदार अभिनय करता है


बारिश में भींगते हुए 

मैं खुद से मिल सका 

कितना अच्छा होता है न 

खुद से यूँ अचानक भेंट जाना 

मानों खोया हुआ कोई खजाना मिल गया हो 

मानों कोई बोझ उतर गया हो 

कुछ देर के लिए ही सही 

मानों कोई चिड़िया

पिंजड़े से आजाद हो गयी हो 

मानों धूप में झुलसी फसल खिल गयी हो 

मानों परदा गिर गया हो

नाटक खत्म हो गया हो|


Rate this content
Log in