बचपन
बचपन

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किसी ने हँसकर
गुज़ार दिया बचपन
किसी को हँसी
ही नसीब ना हुई।
और किसी ख़ग को
हर रोज़ मिलता चुगा,
किसी को पूरे दिन
कुछ न मिला।
किसी को रोते ही माँ का आँचल
नसीब हुआ
किसी को पराया आँचल भी
नसीब ना हुआ।।