बचपन
बचपन
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खो गया है कहीं बचपन याद आया,
आ गया है अब लड़कपन याद आया !
हंसी ठिठौली वो बागों में पड़े झूले,
छोड़ना है अब अल्हड़पन याद आया !
सौंधी सौंधी वो मिट्टी की खुशबू,
बरसता झूम के सावन याद आया !
खेलते थे गुड्डे गुड़ियों के संग जहाँ,
आज छूटा तो वो आँगन याद आया !
पकड़ कर जिसे चलती रही 'पलक',
आँसू से भीगा माँ का दामन याद आया !
