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Anuj Patairaya

Children Stories

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Anuj Patairaya

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बाल मन की अभिलाषा (मुझको उड़ना है)

बाल मन की अभिलाषा (मुझको उड़ना है)

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मम्मी मुझको उड़ना है,

बादलों संग जुड़ना है।

मेरे भी पंख लगवा दो,

मम्मी मुझको उड़ना है।

चिड़ियों के संग गाऊंगा,

दूर देश तक मैं जाऊंगा।

नील अंबर के क्षितिज तक,

पहुंचके मुझको मुड़ना है,

मम्मी मुझको अब उड़ना है।

तारों तक मुझको जाना है,

उनके जैसा टिमटिमाना है।

चंदा मामा से भी मुझको लड़ना है,

मम्मी मुझको उड़ना है।

सात समुंदर पार करके,

सतरंगी इंद्रधनुष सा मुझको गढ़ना है।

मम्मी मेरे पंख लगा दो मुझको भी उड़ना है।

परियों के देश में जाके,

एक नन्ही परी से मिलना है।

मम्मी मेरे पंख लगा दो,

अब मुझको भी उड़ना है।



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