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anuradha nazeer

Children Stories Others

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anuradha nazeer

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बाग बाग कर चलिए

बाग बाग कर चलिए

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यह कैसे है दोस्ती का रिश्ता

ना है खून का और ना है जाति का

लेकिन फिर भी हाई सबसे इन सबसे ऊपर का दोस्ती भी एक रिश्ता है

जो निभा दे वह फरिश्ता है

 मेरे दिल में उपग्रह ग्लेशियर है

मेरी दिल से तेज और ठंडी हो रही है

कल का सपना हाय आज का उद्देश्य

आज का उद्देश्य हाई कल की सफलता

आज का पर्यावरण हमें एकता सिका दिया है

एक कीड़ा कोरोना से डर कर हम

कानून पालन करतें!

जब सरकार हमरा हित के लिए बोले

कानून को थोड़ा हमने

अबतो सब कुछ बराबर चलता

सल्यूट कॅरोना

फिर भी हम नहीं चोटेंगे तुम्हे

क्यूम की तुम ने सब को फालतू डराया

हमें इंसान है

इंसाफ हमारा

तुम्हें दूर बाग कर चले जाओ

नहीं तो हम तुम्हें ज़िंदा नहीं चोटेंगे!

बाग कर चलिए बाग बाग कर चलिए



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