और सुकून छीनता गया...
और सुकून छीनता गया...
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लोग आज दुनिया में दौलत के पीछे व्यस्त रहे
दूसरी ओर इंसानियत बिकती रही
और सुकून छीनता गया
जरूरत से बेपरवाह
ईमान की धज्जियां उड़ाता गया
और सुकून छीनता गया
हर बात पे लड़ता गया
उसूलो को तोड़ता गया
और सुकून छीनता गया
अहम को ऊंचा करता गया
कर्तव्या कही खोता गया
और सुकून छीनता गया
