STORYMIRROR

Madhu Jhunjhunwala

Others

3  

Madhu Jhunjhunwala

Others

अपनापन

अपनापन

1 min
176

जैसे बालकनी का

सबसे खूबसूरत हिस्सा होता है

पौधों से रंगा हुआ....

ताज़गी का एहसास लिए

ज़िन्दगी से सरोबार...

बस.... ऐसे ही 

मन का एक कोना 

रंगा हुआ है...चाहतों के रंग से

दोस्ती, प्यार और सुकून की 

अबीर से....

जितना पुराना उतना ही गहरा

थोड़ी-सी परवाह 

और पूरा-सा हक़ 

बड़ी बेतकल्लुफ़ी से 

इख़्तियार रखते हैं 

मेरी शाम-ओ-सहर पे....

होते हैं कुछ लोग

ज़िन्दगी को भर देते हैं

अपनेपन के रंग से....!!!



Rate this content
Log in

More hindi poem from Madhu Jhunjhunwala