सामान्य गृहणी हूँ। भावनाओं के सागर से ज़ज़्बात के मोती चुनती हूँ और रुह के धागों से पिरोती हूँ।
रंगा हुआ है...चाहतों के रंग से दोस्ती, प्यार और सुकून की अबीर से.... रंगा हुआ है...चाहतों के रंग से दोस्ती, प्यार और सुकून की अबीर से....
सर्द मौसम में तेरी यादों का अलाव जलाकर, नीले पड़ते ख़वाबो को गरमाहट देती हूँ। सर्द मौसम में तेरी यादों का अलाव जलाकर, नीले पड़ते ख़वाबो को ...