"अकेले में मुझ से पी जाती नहीं"
"अकेले में मुझ से पी जाती नहीं"
बियर हो या व्हिस्की रास मुझे आती नहीं
दारु तो है बहुत पर कोई मुझे भाती नहीं
लॉक डाउन में दोस्त हैं सारे जुदा-जुदा
और अकेले में मुझसे यह पी जाती नहीं।
चखना, सलाद, दारू का गिलास
सब टेबल पर सजाया
पानी और बर्फ के साथ
सोडा भी मंगाया,
लिए दिल उदास मै खाता रहा सलाद
चखना खा गया पूरा यूं ही रखा रहा गिलास
भारी मन से मैंने पहला पेग बनाया
पर ला न सका उसको अपने होठों के पास,
जब दोस्त करते थे चीयर्स तब मैं पीता था
अकेले में हलक से उतारी जाती नहीं
दारू तो है बहुत पर कोई मुझे भाती नहीं
अकेले में मुझसे यह पी जाती नहीं।
जैक डेनियल, जॉनी वॉकर
ब्लैक डॉग या हंड्रेड पाइपर
चाहे टीचर हो या पीटर
क्या करूंगा मैं येे लाकर,
वैट सिक्सटी नाइन हो
या फिर कोई रेड वाइन हो
कैसे पियूं मैं जाम भला
जब मूड मेरा ना फाइन हो,
थोड़ी हो या हो बेहिसाब
चाहे जितनी भी हो शराब
सस्ती महंगी सब चल जाए
अगर दोस्तों का हो साथ,
लॉकडाउन की तनहाई में
ये साकी मुझे भाती नहीं
दारू तो है बहुत पर
अकेले में मुझसे पी जाती नहीं।
