ढलती शाम...। ढलती शाम...।
अभी शाम हुई नहीं, दिन है और बाकी । अभी शाम हुई नहीं, दिन है और बाकी ।
पलक झपकते ही तथ्य ढूंढने वाली स्मरणशक्ति “योगी” मंद अब पड़ने लगी है, पलक झपकते ही तथ्य ढूंढने वाली स्मरणशक्ति “योगी” मंद अब पड़ने लगी है,