चिंता को तू कर दे टाटा, मन में अलख जगा ले, खुद-सा साथी नहीं मिलेगा, खुद से प्रीत लगा ले...! चिंता को तू कर दे टाटा, मन में अलख जगा ले, खुद-सा साथी नहीं मिलेगा, खुद से प्रीत...
हाथों की लकीरें पढ़ना छोड़, अपनी तक़दीर अब तू खुद लिखेगा...! हाथों की लकीरें पढ़ना छोड़, अपनी तक़दीर अब तू खुद लिखेगा...!