लत नहीं तो क्या था जिसके लिए इंसा दिन रात जुटा रहता है लत नहीं तो क्या था जिसके लिए इंसा दिन रात जुटा रहता है
जब भी तेरे जो भी पास हो उसकी ना तुझे कदर कौन अपना है कौन अजनबी तू है बेखबर जब भी तेरे जो भी पास हो उसकी ना तुझे कदर कौन अपना है कौन अजनबी तू है बेखबर