कोरोना की लहर में , आत्मबल बना आस। खोकर अपना बहुत कुछ ,बच्चे हुए सब पास। कोरोना की लहर में , आत्मबल बना आस। खोकर अपना बहुत कुछ ,बच्चे हुए सब पास।
उम्मीदों का हथियार लिए बस दौड़ पड़ू ना थम पाऊं! उम्मीदों का हथियार लिए बस दौड़ पड़ू ना थम पाऊं!