1st.....एक औरत_____ 2nd.....हसरतें. ......3rd....MERE PAPA..
1st.....एक औरत_____ 2nd.....हसरतें. ......3rd....MERE PAPA..
1st
एक औरत
कभी बेटी, कभी बहन, कभी माँ तो कभी पत्नी,
हर एक रिश्ता बड़ी बखूभी से निभाती है एक औरत
सोच की चारदिवारी में बन्द रहकर भी,
खुले आसमाँ की शैर करती है एक औरत
हर पीड़ा सहन कर, हर दर्द भूलकर,,
बस अपनो को अपनों से जोड़े रखती है एक औरत
नौ महीने अपने कोख में रखकर,
हर एक पीड़ा को सहन करके,
अपनी मम्मता और संस्कारो को देकर,
एक मां का रिश्ता बड़ी मासूमियत से निभाती हैं,
एक औरत
कुछ लोगो की गंदी सोच से,
कुछ बुरी प्रथाओं और रीति रिवाजों से,
कुछ गलतफहमियों और नियमों से,
कमजोर होती हैं एक औरत
Save women जेसी बातो से,
क्यों इन्हे ठहरा बना रहे हो,
एक पंख देकर तो देखो,
बहुत दूर तक उड़ान भरती हैं
एक औरत
हसरतें
हाँ मैं हसरत की बेड़ियों में बंद,
हसरतें हजार बुनता हूँ,
कभी जमीं तो कभी आसमां लिये,
फिरता हूँ
खामोशी भरी जिंदगी में मैं,
हसरतों का सहारा लिये जीता हूँ
हां माना नामुमकिन हैं उन्हें पाना,
लेकिन मैं हसरतों के पंखो से उड़ान भरता हूँ
हाँ मैं हसरत की बेड़ियों में बंद, हसरतें हजार बुनता हूँ
हां है मेरी हसरत कुछ कर गुजरने की,
एक नया युग लाने की,
अपने माँ-बापु की हर डोर जोड़ने की
और उसे अपनी महबूबा बनाने की
हसरत हैं मेरी, एक और हसरत दिखाने की,
" ARVIND" की कलम से, पंख लेकर उड़ान भरने की
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3RD MERE PAPA
वजूद मेरा जो, हर वक्त साथ लेकर चले ।
साया जिसका जो मुझे पुरा करें
आलम की बेड़ियों तोडकर, जो किस्मत मेरी लिखें ।
लडकर समाज की बुराईयों से, बचाव हमेशा करता हैं ।
विनम्रता की साक पहनकर, बंदिशें हजारो लगाते हैं।
मुखौटा पहनकर कड़वाहट का, वो भाव दयालु रखते हैं।
बिन बताये कुछ भी, वो ख्वाइशे हमारी समझ लेते हैं ।
स्वार्थ भरी इस दुनिया में, वो निस्वार्थ प्रेम करते हैं
हाँ वो पापा हैं मेरे...।