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Pinky Ashku

Abstract

2.7  

Pinky Ashku

Abstract

ऐ मेरे भारत बन आत्मनिर्भर

ऐ मेरे भारत बन आत्मनिर्भर

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ऐ मेरे भारत बन आत्मनिर्भर 

तु खुद को क्यु कम समझता है

जब की तेरी धरती है उगलती है सोना

अब न बनेगे हम सोने की चिड़िया

ना ही बिकेगे विदेशो के हाथो

ऐ मेरे भारत बन आत्मनिर्भर

क्यु तु विदेशो क माल खरीदता है

रजबकी वही माल भारत मे बन सकता है

ऐ मेरे भारत बन आत्मनिर्भर

तु खुद को क्यु कम समझता है

मत डर

ऊठ तुझ मे है वोह काबिलियत

ऊठ मत रुख

और बन आत्मनिर्भर

और बना अपना मेड इन इंडिया!



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