सूक्ष्म विचारधारा को प्रदर्शित करती कहानियां।।
किंचित कष्ट को बिता पाना सदियों की याद दिला रहा किंचित कष्ट को बिता पाना सदियों की याद दिला रहा
खत्म हुआ इंतज़ार है, आगे अब इज़हार है। फिर प्यार से उसने गले लगाया, मेरी आँखों में आँसू आया... खत्म हुआ इंतज़ार है, आगे अब इज़हार है। फिर प्यार से उसने गले लगाया, मेर...
माना "मैं" हूं एक अकेला क्या भरोसा की "हम" होने से लग जाए मेला। माना "मैं" हूं एक अकेला क्या भरोसा की "हम" होने से लग जाए मेला।