मेरी कविता से कोई आहत न हो,।
मैं कच्चे मिट्टी के बर्तन सा मैं कच्चे मिट्टी के बर्तन सा
भूखे ही मेहमान घर को भागने लगे मेहमान तो छोड़ो हलवाई भी बोरिया बिस्तर बाँधने लगे हम शादी में। .. भूखे ही मेहमान घर को भागने लगे मेहमान तो छोड़ो हलवाई भी बोरिया बिस्तर बाँधने लगे ...
लगता है को ठिकाने लगा के दम लेगा कोरोना आतंकवादी। लगता है को ठिकाने लगा के दम लेगा कोरोना आतंकवादी।
ख्वाबों का एक मोहल्ला है सब गलीयां नुक्कड़ घर द्वारे सब आंगन, सीढ़ी, चौबारे, कितनी यादों को समेटे... ख्वाबों का एक मोहल्ला है सब गलीयां नुक्कड़ घर द्वारे सब आंगन, सीढ़ी, चौबारे, ...
खुद से कुछ कर ऐ मेरे दोस्त, अब सहारा लेना छोड़ भगवान का, जब हौसला बना लिया ऊँची उड़ान खुद से कुछ कर ऐ मेरे दोस्त, अब सहारा लेना छोड़ भगवान का, जब हौसला बना लिया...
कर परिश्रम इतना की सुर्ख पड़े पसीने में, न संघर्ष, न तकलीफें तो क्या मजा है जीने में। कर परिश्रम इतना की सुर्ख पड़े पसीने में, न संघर्ष, न तकलीफें तो क्या मजा है ज...